कोर्स 06 - गतिविधि 3: अपने विचार साझा करें

क्या हमें भाषा सिखाने की शुरुआत वर्णमाला सिखाने से करनी चाहिए? क्या बच्चों को क्रमानुसार वर्णमाला से परिचित कराना चाहिए? अपने विचारों को साझा करें।


Comments

  1. बुनियादी भाषा और साक्षरता

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  2. भाषा सीखना एक चुनौतीपूर्ण उद्देश्य हो सकता है लेकिन यदि वर्णमाला समान है तो किसी भी विशेष वर्ण या उच्चारण वाले अक्षरों को पहचानने का प्रयास करें जिनसे आप परिचित हैं। किसी नयी भाषा को सीखने में मूल भूत चरणों में से एक वर्णमाला सीखना है।

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  3. भाषा सिखाने की शुरुआत वर्णमाला सिखाने से करने की बजाय, बच्चों को पहले मौखिक भाषा और संप्रेषण कौशल विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए। कुछ कारण हैं जो इस दृष्टिकोण को समर्थन देते हैं:

    1. **मौखिक संप्रेषण**: बच्चों की भाषा सीखने की प्रारंभिक प्रक्रिया सुनने और बोलने पर आधारित होती है। पहले उन्हें शब्द, वाक्य, और भावनाओं को व्यक्त करना सीखना चाहिए।

    2. **प्राकृतिक भाषा अधिग्रहण**: बच्चों को रोजमर्रा के संवादों और कहानियों के माध्यम से भाषा सिखाना अधिक प्रभावी होता है।

    3. **वर्णमाला का महत्व**: हालांकि वर्णमाला महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे सिखाने की शुरुआत में प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए।

    4. **रुचि और प्रेरणा**: बच्चों को कहानियों, गीतों, और खेलों के माध्यम से भाषा सिखाना अधिक रोचक और प्रेरणादायक होता है। इससे उनकी भाषा सीखने की रुचि और प्रेरणा बढ़ती है।

    5. **व्यवहारिक उपयोग**: बच्चों को ऐसी गतिविधियों में संलग्न करें जहां वे भाषा का उपयोग कर सकेंl

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  4. बच्चों को रचनात्मक गतिविधि द्वारा भाषा सिखाई जाए!जैसे कहानी गीत और खेलों के माध्यम से!

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  5. बच्चों को भाषा सिखाने के लिए सीधे वर्णमाला सिखाने के स्थान पर पहले कहानी, कविता सामान्य बातचीत आदि गतिविधियां अपनानी चाहिए

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