कोर्स 04: गतिविधि‍ 2: अपने विचार साझा करें

शिक्षक/शिक्षिका के रूप में उन परेशानियों के बारे में विचार कीजिए, जिनका सामना आप अक्सर विद्यालय में करते हैं! यह सोचने की कोशिश करें कि विद्यालय प्रबंधन और माता-पिता के माध्यम से किन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है तथा किस प्रकार इन लोगों से संपर्क कर अपनी परेशानी बताई जाए ताकि बेहतर स्थिति प्राप्त हो सकें। अपने विचार साझा करें।

Comments

  1. बुनियादी साक्षरता एवं संख्‍याज्ञान में समुदाय एवं अभि‍भावकों की सहभागिता

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    1. As a teacher, communication is key. Establishing regular channels with both school management and parents can help address various issues. Create a dedicated email or messaging system for parents to reach out, schedule regular meetings with parents to discuss concerns, and collaborate with school administrators to streamline communication channels. Encouraging an open dialogue ensures that everyone is on the same page and working towards better conditions for students.

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    2. Involvement of guardian and parents with the school is very necessary

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    3. Problems faced by teachers can be communicated with parents by PTM.
      Encouraging parents to understand childs need and ensure creating healthy environment at home

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  2. Absent student v home n karna ..inke liye abhibhavk ka sahyog jruri v labhdayk hoga

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  3. PTM ke madhyam se parents ko bhi bhagidar bana kar learning process ko effective banaya ja sakta hai.

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    1. PTM ke madhyam se parents ko bhi bhagidar bana kar learning process ko effective banaya ja sakta hai.

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  4. Abhbhavako se batchit karke. P.T.M ke dwara. teacher se activities sikhke by workshop

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  5. Abhibhvako se bachcho ke vishay me adhik jankari prapt kare

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  6. Sabse badi pareshani parents ka baccho per dhyaan nhi dena hai

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  7. very good for children developed good future in primary education

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  8. very good module for children in primary education help them complete develop,ent

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  9. Very good for children development

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  10. 1.There is very less awareness and concern about education among parents, single parenting and there own personal problems makes a toll on child education.
    2. As a teacher we need to give classes and they don't do much homework which again need to be done during class,which makes class slow.
    3. If we try to fix it with students then after few class they leave the school which is again a major problem. So as a teacher we have to play parents and teacher both due to apathy of parents.

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  11. Phli prshni aati hai school. Mei baccho ki upasthithi. Aksar jab baccho se pucha jata hai ki woh kyu nhi aaye school toh woh batate hai ham ghar ke kami mei the. Yha par abhibhavko ka bahut bada role. Hai. Dusara jab baccho ko school se koi homework diya jata hai toh woh kr ke nhi aate. Toh parents ko yeh dhyan rakhna chaiea ki woh roj baccho se puche ki aj unhe kya padhaya gya aur unke homework krne par jor de

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  12. As a teacher, communication is key. Establishing regular channels with both school management and parents can help address various issues. Create a dedicated email or messaging system for parents to reach out, schedule regular meetings with parents to discuss concerns, and collaborate with school administrators to streamline communication channels. Encouraging an open dialogue ensures that everyone is on the same page and working towards better conditions for students.

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  13. VERY GOOD FOR PRIMARY EDUCATION AND TEACHING LEARNING PROCESS

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  14. VERY GOOD FOR CHILDREN AND PRIMARY EDUCATION

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  15. VERY IMPORTRANT ROLE IN VIDYALAYA MANAGEMENT COMETTI AND GOOD FUNCTION A SCHOOL AND HELPFUL IN EDUCATION SYSTEM

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  16. RESPECTED SIR IHAVE TEN TIME PUBLISH MY IDEA BUT THIS MODULE IS NOT COMPLITED
    PLEASE LOOKAFTER THIS MATTER

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  17. VERY GOOD AND HELPFUL FOR PRIMARY EDUCATION

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  18. VERY NICE AND GOOD FOR CHILDREN

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  19. Baccho ko roj bidyalay bhejne m apna sahyog de ,

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  20. Kuchh bachche bahut teevra buddhi ke hote hai tatha kuchh mand buddhi ke

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  21. Bachcho k lagatar Vidyalay na aane ka karan jaan kr uska nirakaran karna aavshayak hai.... iskey saath hi abhibhavko ko bhi padhai ka mahttav samjhate huwe unhey bachcho ko roz Vidyalay bhejne k liye taiyar karna chahiye....

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  22. Active presence of parents in PTM. I can be overcome by talking about importance of PTM.

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  23. अभिभावक को कक्षा में पढ़ाई जा रही विषय वस्तु से अवगत कराना तथा उनको कक्षा में शिक्षण के विषय में कहानी और कविता सुनाने का अवसर प्रदान करना चाहिए।

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  24. PTM ke dwara Abhibhavak logo ko bhi bachho ke padhai ke prati jagruk karna chahiye...

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  25. अभिभावक बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजने की जिम्मेदारी उठाएं।

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  26. PTM ke madhyam se parents ko bhi bhagidar bana kar learning process ko effective banaya ja sakta hai.

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  27. शिक्षक के रूप में अक्सर जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उनमें से कुछ प्रमुख समस्याएँ और उनके संभावित समाधान निम्नलिखित हैं:
    विभिन्न क्षमता और सीखने की गति:
    समस्या: कक्षा में बच्चों की विभिन्न क्षमता और सीखने की गति को समायोजित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
    समाधान:
    विद्यालय प्रबंधन से संपर्क: विद्यालय प्रबंधन से अतिरिक्त संसाधनों और सहायक शिक्षकों की मांग की जा सकती है। इसके लिए एक औपचारिक अनुरोध पत्र लिखा जा सकता है, जिसमें समस्या की स्पष्ट व्याख्या और संभावित समाधान बताए जाएँ।
    माता-पिता से संपर्क: माता-पिता के साथ नियमित बैठकें आयोजित करें और उन्हें उनके बच्चे की प्रगति और चुनौतियों के बारे में सूचित करें। माता-पिता को घर पर बच्चों की मदद करने के तरीकों के बारे में सुझाव दें।
    व्यवहार संबंधी समस्याएँ:
    समस्या: कुछ बच्चों का अनुशासनहीन व्यवहार कक्षा में व्यवधान उत्पन्न कर सकता है।
    समाधान:
    विद्यालय प्रबंधन से संपर्क: एक व्यवहार प्रबंधन योजना बनाएं जिसमें विद्यालय की अनुशासन नीतियों का पालन किया जाए। प्रबंधन से मनोवैज्ञानिक सहायता या परामर्श सेवाओं की व्यवस्था करने का अनुरोध किया जा सकता है।
    माता-पिता से संपर्क: बच्चों के अनुशासनहीन व्यवहार पर माता-पिता को सूचित करें और उनके साथ मिलकर समस्या का समाधान खोजें। माता-पिता को बच्चे की अनुशासन योजना में शामिल करें और उन्हें घर पर पालन करने के लिए रणनीतियाँ प्रदान करें।
    अपर्याप्त संसाधन:
    समस्या: कक्षा में आवश्यक शिक्षण सामग्री और संसाधनों की कमी।समाधान:
    विद्यालय प्रबंधन से संपर्क: एक सूची बनाएं जिसमें आवश्यक सामग्री और संसाधनों का उल्लेख हो और इसे प्रबंधन को प्रस्तुत करें। प्रबंधन से इनकी व्यवस्था के लिए बजट और समर्थन का अनुरोध करें।
    माता-पिता से संपर्क: कुछ मामलों में, माता-पिता से सहायता मांगी जा सकती है, जैसे कि कक्षा के लिए वॉलंटियरिंग, दान, या सामूहिक गतिविधियों के लिए संसाधनों की व्यवस्था।
    बच्चों की अनुपस्थिति:
    समस्या: बच्चों की नियमित अनुपस्थिति उनके सीखने की प्रक्रिया को बाधित कर सकती है।
    समाधान:विद्यालय प्रबंधन से संपर्क: एक उपस्थिति मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने का सुझाव दें और अनुपस्थित बच्चों की पहचान करने और उनकी अनुपस्थिति के कारणों को जानने के लिए उपाय सुझाएँ।माता-पिता से संपर्क: अनुपस्थित बच्चों के माता-पिता से संपर्क करें और अनुपस्थिति के कारणों को समझने का प्रयास करें। माता-पिता को बच्चों की नियमित उपस्थिति के महत्व के बारे में जागरूक करें और उन्हें बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करें।अधिक कार्यभार:समस्या: शिक्षकों पर अत्यधिक प्रशासनिक कार्य और अन्य जिम्मेदारियाँ।समाधान:विद्यालय प्रबंधन से संपर्क: कार्यभार को कम करने के लिए प्रबंधन से सहायक स्टाफ या अन्य व्यवस्थाओं का अनुरोध करें। समय प्रबंधन और प्राथमिकता निर्धारण पर कार्यशालाओं का आयोजन भी सहायक हो सकता है।माता-पिता से संपर्क: माता-पिता की सहायता से कक्षा के बाहर की गतिविधियों, जैसे कि फील्ड ट्रिप और कार्यक्रमों के आयोजन में सहयोग प्राप्त करें।इन समस्याओं का समाधान करने के लिए एक खुली और प्रभावी संचार प्रणाली स्थापित करना महत्वपूर्ण है, जिसमें शिक्षक, प्रबंधन, और माता-पिता सभी शामिल हों। नियमित बैठकें, ईमेल, और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से समस्याओं और समाधानों पर चर्चा की जा सकती है, जिससे एक सहयोगात्मक और सहायक वातावरण तैयार हो सके।

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  28. connecting with parents is very important. as teacher we need their cooperation

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  29. There should be one or two meeting per month between teachers and parents to discuss abt their ward .

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  30. Communication with teacher and parents is necessary. PTM & SMC meeting should be done as per norms.SMC members should be aware of their responsibilities.they can he a good medium between teachers and parents.

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    1. अभिभावक बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजने की जिम्मेदारी उठाएं।

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  31. It is very much required that effective communication regarding problem faced with good leadership and motivation should be done and it should be need based.

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  32. Lack of teachers,school ambience is not appropriate fr children

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  33. शिक्षक और शिक्षिका के रूप में विद्यालय में अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों को दो प्रमुख श्रेणियों में बाँटा जा सकता है: शैक्षिक और प्रशासनिक।

    # शैक्षिक परेशानियाँ

    1. **विद्यार्थियों की विभिन्नता**: सभी विद्यार्थियों की समझ और सीखने की क्षमता अलग-अलग होती है।
    2. **अध्ययन सामग्री की कमी**: पर्याप्त पुस्तकें, लैब, और अन्य शैक्षिक साधनों की कमी।
    3. **अनुशासन संबंधी समस्याएँ**: कक्षा में शांति और अनुशासन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
    4. **विद्यार्थियों का प्रेरणा और ध्यान**: कई बार विद्यार्थियों को अध्ययन के प्रति प्रेरित करना मुश्किल होता है।

    # प्रशासनिक परेशानियाँ

    1. **कार्यभार का अधिकता**: अतिरिक्त कार्यभार जैसे परीक्षा ड्यूटी, प्रशासनिक कार्य।
    2. **वेतन और सुविधाएँ**: वेतन में कमी और अन्य सुविधाओं की अनुपस्थिति।
    3. **समय प्रबंधन**: शिक्षण कार्य के साथ अन्य गतिविधियों को संतुलित करना।
    4. **संसाधनों की कमी**: जैसे तकनीकी साधनों, इंटरनेट की सुविधा आदि की कमी।

    # समाधान और संपर्क विधियाँ

    # विद्यालय प्रबंधन के माध्यम से समाधान

    1. **शैक्षिक कार्यशालाएँ और ट्रेनिंग**: शिक्षकों को नियमित अंतराल पर नई शिक्षण विधियों और तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाए।
    2. **अध्ययन सामग्री की उपलब्धता**: पुस्तकें, लैब उपकरण, और अन्य शैक्षिक सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
    3. **वेतन और सुविधाओं में सुधार**: शिक्षकों के वेतन और अन्य सुविधाओं में वृद्धि की जाए।
    4. **शैक्षिक उपकरणों का प्रबंधन**: स्मार्ट क्लासरूम, प्रोजेक्टर, और अन्य तकनीकी उपकरणों की व्यवस्था की जाए।

    # माता-पिता के माध्यम से समाधान

    1. **विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति**: माता-पिता से नियमित उपस्थिति और होमवर्क के महत्व पर चर्चा की जाए।
    2. **विद्यार्थियों का व्यवहार**: माता-पिता से विद्यार्थियों के अनुशासन और व्यवहार पर चर्चा की जाए।
    3. **शैक्षिक सहभागिता**: माता-पिता को विद्यालय की गतिविधियों और मीटिंग्स में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

    # संपर्क विधियाँ

    1. **नियमित मीटिंग्स**: माता-पिता और विद्यालय प्रबंधन के साथ नियमित मीटिंग्स आयोजित की जाए।
    2. **सर्वेक्षण और प्रतिक्रिया फॉर्म**: शिक्षकों की परेशानियों और सुझावों को जानने के लिए नियमित सर्वेक्षण किए जाएं।
    3. **ईमेल और नोटिफिकेशन सिस्टम**: सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को साझा करने के लिए ईमेल और अन्य नोटिफिकेशन सिस्टम का उपयोग।
    4. **समर्पित समय और स्पेस**: शिक्षकों के लिए एक समर्पित समय और स्पेस दिया जाए जहाँ वे अपने मुद्दे और सुझावों पर चर्चा कर सकें।

    इस प्रकार, इन समस्याओं का समाधान और संपर्क विधियाँ स्पष्ट और सुव्यवस्थित होनी चाहिए ताकि बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकें और शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चल सके।

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  34. Very good module for children.

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  35. Parents daily bacchon ko school bhejne ki jimmedaar uthayen

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  36. बच्चो की लगातार अनुपस्थिति, माता पिता के साथ बच्चों का कुछ समय के लिए पलायन बच्चो का अपने भाई बहनों की देख भाल में लगा रहना

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  37. With the help of guardians, we can
    *spot regular attendance of all students.
    *discuss monthly progress report of students.
    *arrange PTM monthly.
    *come back of drop out students.
    * and many more......

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  38. Communication with the parents is very important. Through the PTM we can discuss everything which is necessary for the children's overall development.

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  39. Communication is very important to the parent's to solve many problems like not doing home work active participant's in activities.not answer ing rhe questions ane others..

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  40. Avibhavako se baat kahana ki app log bhi bachchon ka utsaah vardhan karate rahe

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  41. Baccho se or unke abhibhavak k baat kar ke

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  42. Jin chatron ki upsthiti regular nahi hai unke abhivabkon ko PTM me bulakr prerak kahaniya, natak aadi karke chatron regular bhejne kr liye prerit krena

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  43. Buniyadi Shiksha sikhane Mein abhibhavakon ka bhi yogdan Hona chahie

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  44. Buniyadi Shiksha sikhane Mein मां-बाप ka bhi yogdan Hona chahie bacchon ke Prati

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  45. VERY GOOD AND HELPFUL FOR PRIMARY EDUCATION

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  46. पूर्व प्राथमिक शिक्षा बच्चों के लिए बहुत आवश्यक है।

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  47. बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लिए अभिभावकों का सहयोग लेना बहुत जरूरी है

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  48. Bacchon Ka vidyarthiyon mein niyamit roop se upsthit Na hona vidyalay ki Sabse badi samasya hai. Mata pita ka jagruk main hun na aur unke arthik AVN parivarik paristhitiyan iske liye mukhya Karan

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  49. Vidyalay me shikshako ke sath vibhin samsyaye aati hai jaise -
    Bachcho ka niyamit vidyalay n aana, bachcho ko abhibhavak dwara school ke din bhi pure din ghar ke kamo me gla dena, samay- samay pr bachcho ko lekarke 7-10 dino tk ke liye kisi realation me chale jana, bachcho ka namankan karane ke kuchh din bad pariwarik kalah ke vajah se mata - pita dwara bachche ko lekareke kuchh mahino ke liye dusare shahar me chale jana, Baiyaktic vibhinnta, sansadhano ki kami, teacher ki kami, gramin kshetro me vidyut ki katauti ke vajah se bachcho ka umas bhari garmi se bura hal hona etyadi samsyaye hai jisaka samadhan hetu hm shikshak apne astar se vibhinn sarthak prayas karate hai jaise - - abhibhavko ka samay samay pr meeting lekarke, abhibhavak sampark, bachcho ko protsahit karna, abhibhavako ko sarkar ki shaikshik gatividhiyo se avgat karate rahana. Etyadi pahal kiye jate hai.

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  50. PTA ke madhyam se abhibhavak ko involve kar ke shiksha ko behtar banaya ja sakta hai.

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  51. -पिता से संपर्क: कुछ मामलों में, माता-पिता से सहायता मांगी जा सकती है, जैसे कि कक्षा के लिए वॉलंटियरिंग, दान, या सामूहिक गतिविधियों के लिए संसाधनों की व्यवस्था।
    बच्चों की अनुपस्थिति:
    समस्या: बच्चों की नियमित अनुपस्थिति उनके सीखने की प्रक्रिया को बाधित कर सकती है।
    समाधान:विद्यालय प्रबंधन से संपर्क: एक उपस्थिति मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने का सुझाव दें और अनुपस्थित बच्चों की पहचान करने और उनकी अनुपस्थिति के कारणों को जानने के लिए उपाय सुझाएँ।माता-पिता से संपर्क: अनुपस्थित बच्चों के माता-पिता से संपर्क करें और अनुपस्थिति के कारणों को समझने का प्रयास करें। माता-पिता को बच्चों की नियमित उपस्थिति के महत्व के बारे में जागरूक करें और उन्हें बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करें

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  52. Nomeric and Language method is used to children and parents

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  53. अभिभावक से समय समय पर मीटिंग कर उनको ज़िम्मेदारी से अवगत कराया जाय और अपनी राय भी साझा करें। बच्चों को सीखने में आ रही समस्याओं को दूर करने पर चर्चा करें।

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  54. बच्चों की नियमित अनुपस्थिति उनके सीखने की प्रक्रिया को बाधित कर सकती है।
    समाधान:विद्यालय प्रबंधन से संपर्क: एक उपस्थिति मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने का सुझाव दें और अनुपस्थित बच्चों की पहचान करने और उनकी अनुपस्थिति के कारणों को जानने के लिए उपाय सुझाएँ।माता-पिता से संपर्क: अनुपस्थित बच्चों के माता-पिता से संपर्क करें और अनुपस्थिति के कारणों को समझने का प्रयास करें। माता-पिता को बच्चों की नियमित उपस्थिति के महत्व के बारे में जागरूक करें और उन्हें बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करें

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  55. बच्चों की नियमित अनुपस्थिति, इसे माता पिता के सहयोग से हल किया जा सकता है।

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  56. बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति का मुद्दा केवल एक ही तरीके से किया जा सकता है जो शिक्षक अभिभावक बैठक से ही सम्भव हो सकता हैं

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  57. Bacchon ke abhibhavak ko shiksha ka mahatv batana hoga

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  58. बच्चों की उपस्थिति को लेकर एक बहुत बड़ी समस्या चुनौती पूर्ण होती है ग्रामीण परिवेश के बच्चे अक्सर घर के कार्यों में लगे होते हैं वह काफी लंबे समय तक स्कूल से दूर हो जाते हैं ऐसी व्यवस्था को दूर करने के लिए बच्चों के साथ और उनके अभिभावकों के साथ आत्मीय संबंध बनाते हुए समस्या से निदान पाया जाता है स्कूल का वातावरण सम और सुंदर होना चाहिए ताकि बच्चे एक अनुकूल परिस्थितियों में अपने आप को पाएं और अनुकूलन को प्राप्त करें

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  59. Involvement of guardian and parents with the school is very necessary.

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  60. As a teacher, communication is key. Establishing regular channels with both school management and parents can help address various issues.

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  61. अभिभावक से समय समय पर मीटिंग कर उनको ज़िम्मेदारी से अवगत कराया जाय और अपनी राय भी साझा करें। बच्चों को सीखने में आ रही समस्याओं को दूर करने पर चर्चा करें

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  62. बुनियादी साक्षरता एवं संख्‍याज्ञान में समुदाय एवं अभि‍भावकों की सहभागिता

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  63. कई बार बच्चा विद्यालय में अपनी नोटबुक नहीं लेकर आता है या फिर वह जो गृह कार्य उसे दिया गया है नहीं करके लाता है तो ऐसे में उसके माता-पिता से बात की जाए और घर की स्थिति के बारे में जाना जाए कि बच्चा काम क्यों नहीं कर पा रहा है और ऐसे में माता-पिता से बातचीत करके इस समस्या को सुलझाया जा सकता है कि ताकि बच्चा जो है वह अपना अध्ययन का कार्य कर सके

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  64. बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए माता-पिता का सहयोग आवश्यक है।

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  65. Active presence of parents in PTM

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