Kaksha mein sabhi vikasatmak lakshyon se sambandhit sikhane ke Anubhav pradan karte samay sabse chunautipurn chhan ya Mudda hoga ki Jin bacchon ko swasthya theek nahin hai Jo bacche kaksha mein bolate nahin hai Jo bacche batchit mein bhag nahin lete Hain Jo bacche Apne doston se baat nahin karte Hain Jo bacche sar jhuka kar kaksha mein baithte Hain Jo gatividhi mein bhag nahin lete hain jaise अलग-अलग tukdo chitron ko milakar pure Chitra taiyar karna aadi UN bacchon Ko kisi tarah se sabhi ke sath hi sath ine lakshyon ko prapt karaya jaaye
kasha me jb TLM ka prayog nhi hoga to bachche sikhane me ruchi nhi lenge aur yh chhatra ke liye chunautipurn sthiti ho jayegi aur bachche sikhane me ruchi nhi lenge kyoki kasha me Baiyaktik vibhinata wale bacchehote hi hai aur tej bachche to chijo ko bina TLM ke bhi sikh sakate hai lekin kamjor bachche nhi sikh pate hai.
कक्षा में सभी विकासात्मक लक्ष्यों से संबंधित सीखने के अनुभव प्रदान करते समय सबसे चुनौती पूर्ण क्षण या मुद्दा होगा कि जिन बच्चों को स्वास्थ्य ठीक नहीं है ,जो बच्चे कक्षा में बोलते नहीं है, जो बच्चे बातचीत में भाग नहीं लेते हैं, जो बच्चे अपने दोस्तों से बात नहीं करते हैं, जो बच्चे सर झुका कर कक्षा में बैठते हैं, जो गतिविधियों में भाग नहीं लेते हैं जैसे अलग-अलग टुकड़ों( चित्रों) को मिलाकर पूरे चित्र तैयार करना आदि उन बच्चों को किस तरह से सभी बच्चों के साथ ही साथ इन लक्ष्यों को प्राप्त कराया जाए।
कक्षा में सभी विकासात्मक लक्षण से संबंधित सीखने के अनुभव प्रदान करते समय कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण या मुद्दे निम्नलिखित हो सकते हैं:
1. **विविध क्षमताएँ और सीखने की शैलियाँ**: - **चुनौती**: प्रत्येक छात्र की क्षमताएँ, रुचियाँ, और सीखने की शैलियाँ अलग-अलग होती हैं। - **कारण**: कुछ छात्र जल्दी सीखते हैं जबकि कुछ को अधिक समय और समर्थन की आवश्यकता होती है। इस विविधता को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी पाठ योजना बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
2. **व्यक्तिगत ध्यान और समर्थन**: - **चुनौती**: सभी छात्रों को व्यक्तिगत ध्यान देना और उनकी विशेष जरूरतों को पूरा करना कठिन हो सकता है। - **कारण**: कक्षा का आकार बड़ा हो सकता है और शिक्षकों के पास सीमित समय और संसाधन होते हैं।
3. **व्यवहार प्रबंधन**: - **चुनौती**: विभिन्न विकासात्मक चरणों में छात्रों के व्यवहार को प्रबंधित करना। - **कारण**: कुछ छात्र अनुशासनात्मक समस्याओं का सामना कर सकते हैं, जिससे कक्षा का वातावरण प्रभावित हो सकता है और शिक्षण प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
4. **सहायक सामग्री और संसाधनों की कमी**: - **चुनौती**: सभी विकासात्मक लक्षणों को संबोधित करने के लिए उपयुक्त शिक्षण सामग्री और संसाधनों का अभाव। - **कारण**: स्कूलों में संसाधनों की सीमित उपलब्धता, जिससे हर छात्र के लिए व्यक्तिगत रूप से तैयार सामग्री प्रदान करना मुश्किल हो सकता है।
5. **सांस्कृतिक और भाषाई विविधता**: - **चुनौती**: विभिन्न सांस्कृतिक और भाषाई पृष्ठभूमियों के छात्रों के लिए उपयुक्त शिक्षण विधियाँ अपनाना। - **कारण**: सांस्कृतिक संवेदनशीलता और भाषा के अंतर को समझना और उन पर प्रभावी रूप से काम करना जटिल हो सकता है।
6. **मूल्यांकन और प्रगति का आकलन**: - **चुनौती**: प्रत्येक छात्र की प्रगति का सटीक आकलन और मूल्यांकन करना। - **कारण**: विविध विकासात्मक स्तरों के कारण छात्रों की प्रगति को एक समान मानदंडों पर मापना कठिन होता है।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षकों को लचीले, रचनात्मक, और सहानुभूतिपूर्ण होने की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही, निरंतर प्रशिक्षण और सहयोग भी महत्वपूर्ण है ताकि वे विभिन्न विकासात्मक आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक संबोधित कर सकें।
विविध क्षमताए सीखने की शिलियो चुनौती प्रत्येक छात्र की क्षमताए रुचियों, और सीखने की शैलियाँ अलग-अलग होती हैं। कारण कुछ छात्र जल्दी सीखते हैं जबकि कुछ को अधिक समय और समर्थन की आवश्यकता होती है। इस विविधता को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी पाठ योजना बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सांस्कृतिक और भाषाई विविधता**: - **चुनौती**: विभिन्न सांस्कृतिक और भाषाई पृष्ठभूमियों के छात्रों के लिए उपयुक्त शिक्षण विधियाँ अपनाना। - **कारण**: सांस्कृतिक संवेदनशीलता और भाषा के अंतर को समझना और उन पर प्रभावी रूप से काम करना जटिल हो सकता है।
अगर विद्यालय प्रवेश अच्छा होगा बैठक व्यवस्था अच्छी होगी भौतिक परिवेश विद्यालय का सहज होगा बच्चों की रुचिया होगी की तो विकासात्मक लक्षणों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है लेकिन हंड्रेड परसेंट विकासात्मक लक्ष्य को प्राप्त करना एक चुनौती होगी
Bacchon ke Vikas se taatparya unke sarvagin Vikas hai arthat bacchon ka sharirik mansik bhavatmak sangyanatmak sabhi prakar ka Vikas Ho iske liye shikshakon aur abhibhavakon Ko ek sath milkar karya karne ki avashyakta hai shikshak apni kaksha ko ine sansadhanon se yukt manoranjak AVN sikhane ke liye ek Ananda ka sthan banaa sakte hain ine prashnon mein se aane wale bacchon ko unke Ruchi AVN Bhasha arthat Kshetra bhasha ke anusar shikshan samasya Yogi hoga vibhinn Khel khilaune AVN gatividhiyon ke madhyam se bacche aasani se sikhate Hain
जो बच्चे कक्षा में बोलते नहीं हैं, जो बच्चे बातचीत में भाग नहीं लेते हैं, जो बच्चे सिर झुका कर कक्षा में बैठे रहते हैं, जो गतिविधियों में भाग नहीं लेते हैं। उन बच्चों को किस तरह से अन्य बच्चों के साथ साथ इन लक्ष्यों को प्राप्त कराया जाय।
सबसे पहले और बड़ी चुनौती यही होगी कि क्या बच्चा आपके प्रश्न अथवा आपकी भाषा को समझ पा रहा है कि आप उससे क्या बात कर रहे हैं या क्या पूछ रहे हैं या क्या आप उसे पढ़ने जा रहे हैं
Watch the video film “Khula Aakash” 2014 from the following link: https://www.youtube.com/watch?v=1XjDHOrcJyw and reflect on it. Think about what is ECCE? Why is it important? How does ECCE provide a basis for learning in school and life? Share your reflections.
Visualise the significance of FLN Mission and ponder on what can be the role of ECCE in achieving the goals and objectives of FLN? Share your thoughts.
निम्न लिंक से 'खुला आकाश' 2004 वीडियो फिल्म देखें और इस पर अपने विचार साझा करें : https://www.youtube.com/watch?v=1XjDHOrcJyw ईसीसीई के बारे में सोचें? क्या यह आवश्यक है? ईसीसीई कैसे स्कूल और जीवन में सीखने का आधार प्रदान करता है? अपनी समझ साझा करें ।
"‘विद्या प्रवेश’ एवं ‘बालवाटिका’ की समझ
ReplyDeleteबच्चों में समझ विकसित करना।
DeleteDifferent learning ability
DeleteSkill
कक्षा में सभी विकासात्मक लक्ष्यों से संबंधित सीखने के अनुभव प्रदान करते समय सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण या मुद्दे क्या होगा और क्यों?
DeleteGood consept
DeleteGood
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DeleteKaksha mein sabhi vikasatmak lakshyon se sambandhit sikhane ke Anubhav pradan karte samay sabse chunautipurn chhan ya Mudda hoga ki Jin bacchon ko swasthya theek nahin hai Jo bacche kaksha mein bolate nahin hai Jo bacche batchit mein bhag nahin lete Hain Jo bacche Apne doston se baat nahin karte Hain Jo bacche sar jhuka kar kaksha mein baithte Hain Jo gatividhi mein bhag nahin lete hain jaise अलग-अलग tukdo chitron ko milakar pure Chitra taiyar karna aadi UN bacchon Ko kisi tarah se sabhi ke sath hi sath ine lakshyon ko prapt karaya jaaye
DeleteBacchon ki samajh viksit karna V interesting banana
DeleteBachho m samaj viksit karna v interest bnana
ReplyDeleteBacchon ka karna ya na karna
ReplyDeleteVidyapravesh
ReplyDeleteBachho ki alag alag kshamta
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteअच्छा
ReplyDeleteNice
ReplyDeletekasha me jb TLM ka prayog nhi hoga to bachche sikhane me ruchi nhi lenge aur yh chhatra ke liye chunautipurn sthiti ho jayegi aur bachche sikhane me ruchi nhi lenge kyoki kasha me Baiyaktik vibhinata wale bacchehote hi hai aur tej bachche to chijo ko bina TLM ke bhi sikh sakate hai lekin kamjor bachche nhi sikh pate hai.
DeleteVidhya pravesh and baalvatika and to create interest of child.
ReplyDeleteVidhya pravesh and baalvatika and to create interest of child
DeleteJanuary 2024 at 01:22
ReplyDeleteBachho m samaj viksit karna v interest bnana
learning for doing is best for children
ReplyDeletevery good for primary children
ReplyDeleteकरके सीखना बहुत अच्छा हैं।
ReplyDeleteSabhi bachho ki sikhne ki chhamta alag hona.
ReplyDeletebalvatika is very good for primory class student
ReplyDeleteBal vatika is very good for primary education
ReplyDeletenice and useful for children
ReplyDeleteNICE
ReplyDeleteसबसे चुनौतीपूर्ण छण या मुद्दा होगा विद्यालय का परिवेश ।
ReplyDeleteSbhi bacche ak jaise nhi hote h unko unke anusaar mahol dena chahiye
ReplyDeleteVidyalay ki sthitiyan hoti hai
ReplyDeleteकरके सीखना बहुत अच्छा हैं।
ReplyDeleteबच्चों में समझ विकसित करना
ReplyDeleteTo keep patience and listen and reply carefully.
ReplyDeleteबच्चो में समझ विकसित करना और रुचि बनाना और करके सीखना
ReplyDeleteकक्षा में सभी विकासात्मक लक्ष्यों से संबंधित सीखने के अनुभव प्रदान करते समय सबसे चुनौती पूर्ण क्षण या मुद्दा होगा कि जिन बच्चों को स्वास्थ्य ठीक नहीं है ,जो बच्चे कक्षा में बोलते नहीं है, जो बच्चे बातचीत में भाग नहीं लेते हैं, जो बच्चे अपने दोस्तों से बात नहीं करते हैं, जो बच्चे सर झुका कर कक्षा में बैठते हैं, जो गतिविधियों में भाग नहीं लेते हैं जैसे अलग-अलग टुकड़ों( चित्रों) को मिलाकर पूरे चित्र तैयार करना आदि उन बच्चों को किस तरह से सभी बच्चों के साथ ही साथ इन लक्ष्यों को प्राप्त कराया जाए।
ReplyDeleteBalvatika ke madhyam se bachho me samajh viksit hogi
ReplyDeleteकक्षा में सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण होगा जब बच्चे सहभागिता नहीं करेंगे।
ReplyDeleteSbhi bacche ak jaise nhi hote, unko unke anusaar mahol dena chahiye.
ReplyDeleteबच्चों को मुखर काना ' रुचि बनाता, और अलग-2 learning ability का होना । चुनौती पूर्ण होगा।
ReplyDeleteBalvatika is helpful for primary education.
ReplyDeletelearning for doing is best for children
ReplyDeleteBachhon ko engage karne ke liye vibhinn prakar ki gayividhiyan aur unme vibhinntayen Lana. Qki bachhe bahut jaldi bor ho jate hain.
ReplyDeleteकक्षा में सभी विकासात्मक लक्षण से संबंधित सीखने के अनुभव प्रदान करते समय कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण या मुद्दे निम्नलिखित हो सकते हैं:
ReplyDelete1. **विविध क्षमताएँ और सीखने की शैलियाँ**:
- **चुनौती**: प्रत्येक छात्र की क्षमताएँ, रुचियाँ, और सीखने की शैलियाँ अलग-अलग होती हैं।
- **कारण**: कुछ छात्र जल्दी सीखते हैं जबकि कुछ को अधिक समय और समर्थन की आवश्यकता होती है। इस विविधता को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी पाठ योजना बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
2. **व्यक्तिगत ध्यान और समर्थन**:
- **चुनौती**: सभी छात्रों को व्यक्तिगत ध्यान देना और उनकी विशेष जरूरतों को पूरा करना कठिन हो सकता है।
- **कारण**: कक्षा का आकार बड़ा हो सकता है और शिक्षकों के पास सीमित समय और संसाधन होते हैं।
3. **व्यवहार प्रबंधन**:
- **चुनौती**: विभिन्न विकासात्मक चरणों में छात्रों के व्यवहार को प्रबंधित करना।
- **कारण**: कुछ छात्र अनुशासनात्मक समस्याओं का सामना कर सकते हैं, जिससे कक्षा का वातावरण प्रभावित हो सकता है और शिक्षण प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
4. **सहायक सामग्री और संसाधनों की कमी**:
- **चुनौती**: सभी विकासात्मक लक्षणों को संबोधित करने के लिए उपयुक्त शिक्षण सामग्री और संसाधनों का अभाव।
- **कारण**: स्कूलों में संसाधनों की सीमित उपलब्धता, जिससे हर छात्र के लिए व्यक्तिगत रूप से तैयार सामग्री प्रदान करना मुश्किल हो सकता है।
5. **सांस्कृतिक और भाषाई विविधता**:
- **चुनौती**: विभिन्न सांस्कृतिक और भाषाई पृष्ठभूमियों के छात्रों के लिए उपयुक्त शिक्षण विधियाँ अपनाना।
- **कारण**: सांस्कृतिक संवेदनशीलता और भाषा के अंतर को समझना और उन पर प्रभावी रूप से काम करना जटिल हो सकता है।
6. **मूल्यांकन और प्रगति का आकलन**:
- **चुनौती**: प्रत्येक छात्र की प्रगति का सटीक आकलन और मूल्यांकन करना।
- **कारण**: विविध विकासात्मक स्तरों के कारण छात्रों की प्रगति को एक समान मानदंडों पर मापना कठिन होता है।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षकों को लचीले, रचनात्मक, और सहानुभूतिपूर्ण होने की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही, निरंतर प्रशिक्षण और सहयोग भी महत्वपूर्ण है ताकि वे विभिन्न विकासात्मक आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक संबोधित कर सकें।
Bal Vatika is helpful for primary education
ReplyDeleteBal vatika is very good for primary education
ReplyDeleteHar bachhe ka adhigam star alag alag hona
ReplyDeleteHesitation
ReplyDeleteInterest level
Family background
Resources
Bachchanan ki Mook bhasha
ReplyDeleteSabase chunautipurn bachchon dhyan apani or aakarshit karana
ReplyDeleteBrilliant for children
ReplyDeleteClass mein tino lakshyon ki prapti mein sabse badi badha class mein paryapt jagah ka n hona sahayk samgri ka abhaw bacchon.
ReplyDeleteJo lakshay hai woh baccho ko samjha pana
ReplyDeleteबच्चो में समझ विकसित करना और रुचि बनाना
Deleteबच्चों में समझ विकसित करना।
ReplyDeleteकरके सीखना बहुत अच्छा हैं।
ReplyDeleteHelpful in primary classes
ReplyDeleteDo it yourself activity helps children to learn
ReplyDeleteBacchon mein samajh viksit karna
ReplyDeleteविविध क्षमताए सीखने की शिलियो
ReplyDeleteचुनौती प्रत्येक छात्र की क्षमताए रुचियों, और सीखने की शैलियाँ अलग-अलग होती हैं।
कारण कुछ छात्र जल्दी सीखते हैं जबकि कुछ को अधिक समय और समर्थन की आवश्यकता होती है। इस विविधता को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी पाठ योजना बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सांस्कृतिक और भाषाई विविधता**:
ReplyDelete- **चुनौती**: विभिन्न सांस्कृतिक और भाषाई पृष्ठभूमियों के छात्रों के लिए उपयुक्त शिक्षण विधियाँ अपनाना।
- **कारण**: सांस्कृतिक संवेदनशीलता और भाषा के अंतर को समझना और उन पर प्रभावी रूप से काम करना जटिल हो सकता है।
अगर विद्यालय प्रवेश अच्छा होगा बैठक व्यवस्था अच्छी होगी भौतिक परिवेश विद्यालय का सहज होगा बच्चों की रुचिया होगी की तो विकासात्मक लक्षणों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है लेकिन हंड्रेड परसेंट विकासात्मक लक्ष्य को प्राप्त करना एक चुनौती होगी
ReplyDeleteBacchon ke Vikas se taatparya unke sarvagin Vikas hai arthat bacchon ka sharirik mansik bhavatmak sangyanatmak sabhi prakar ka Vikas Ho iske liye shikshakon aur abhibhavakon Ko ek sath milkar karya karne ki avashyakta hai shikshak apni kaksha ko ine sansadhanon se yukt manoranjak AVN sikhane ke liye ek Ananda ka sthan banaa sakte hain ine prashnon mein se aane wale bacchon ko unke Ruchi AVN Bhasha arthat Kshetra bhasha ke anusar shikshan samasya Yogi hoga vibhinn Khel khilaune AVN gatividhiyon ke madhyam se bacche aasani se sikhate Hain
ReplyDeleteप्रत्येक छात्र की क्षमताए रुचियों, और सीखने की शैलियाँ अलग-अलग होती हैं।
ReplyDeleteBEST
ReplyDeleteजो बच्चे कक्षा में बोलते नहीं हैं, जो बच्चे बातचीत में भाग नहीं लेते हैं, जो बच्चे सिर झुका कर कक्षा में बैठे रहते हैं, जो गतिविधियों में भाग नहीं लेते हैं। उन बच्चों को किस तरह से अन्य बच्चों के साथ साथ इन लक्ष्यों को प्राप्त कराया जाय।
ReplyDeleteसबसे पहले और बड़ी चुनौती यही होगी कि क्या बच्चा आपके प्रश्न अथवा आपकी भाषा को समझ पा रहा है कि आप उससे क्या बात कर रहे हैं या क्या पूछ रहे हैं या क्या आप उसे पढ़ने जा रहे हैं
ReplyDeleteसभी बच्चों की अलग-अलग सीखने की क्षमताएं, रुचियों में भिन्नता शैलियों में असमानता चुनौती पूर्ण होना।
ReplyDeleteBal vatika is good for pre primary students
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