कोर्स 06: गतिविधि 2: अपने विचार साझा करें

क्या हम जानते हैं कि बच्चों में भाषा सीखने और भाषा के माध्यम से सीखने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है? अपने विचारों को साझा करें।

Comments

  1. बुनियादी भाषा और साक्षरता

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  3. बुनियादी भाषा और साक्षरता

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  4. बुनियादी भाषा वा शिक्षा

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  5. It's our in constitution as well ,that a child grasp more if taught in their mother toungue. Learning and comprehension ability will increase

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  6. बच्चीं मे भाषा सिखने का स्वाभविक गुण होता ह

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  7. Bachcho me yah gun apane pariwar se ata hai

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  8. It is our in constitution as well, that a child grasp more if taught in their mother tongue.Learning and comprehension ability will increase.

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  9. बच्चे जन्म के समय से ही सुनना और समझाना आरम्भ कर देते हैं उनके सुमने में स्वयं से समझाना भी निहित हैं

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  10. Learning language is natural process

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  11. Bacche bhasha bhut jaldi sikhte h

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    1. बच्चीं मे भाषा सिखने का स्वाभविक गुण होता ह

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  12. भाषा सीखने की बच्चों मे जन्मजात क्षमता होती है। वे अपने परिवेश से बचपन से ही भाषा अर्जित करने लगते है।

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  13. Haan..... bachcho me ye gun swabhavik hota hai.....

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  14. भाषा प्रारंभिक साक्षरता कौशल का प्रमुख है अवयव है।भाषा संचार का माध्यम है।यह बातचीत करने और दूसरों तक संदेश भेजने की एक स्वाभाविक मानवीय इच्छा है ।यह सोचने ,अनुभव करने एवं प्रतिक्रिया देने के साधन के रूप में भी है ।बच्चों की रुचियों , मूल्यों और दृष्टिकोण को समझने के लिए काम करती है अर्थात बच्चे अपनी मातृभाषा से स्कूली भाषा को सीखते हैं ।बुनियादी स्तर पर बच्चे भाषा सीखते हैं जबकि आगे चलकर यही बच्चे भाषा के माध्यम से विषयों को सिखाते हैं ।अपनी शैक्षणिक उपलब्धियां को हासिल करते हैं, दूसरे शब्दों में कहें तो शुरुआती दौर में बच्चे भाषा सीखते हैं ,और बाद में भाषा के माध्यम से उच्च ज्ञान अर्जित करते हैं।

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  15. बुनियादी भाषा और साक्षरता

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  16. It's our in constitution as well ,that a child grasp more if taught in their mother toungue. Learning and comprehension ability will increase

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  18. Bacchon Mein Bhasha sikhane ki janmjaat kshamta hoti hai

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  19. बच्चे समग्र रूप से कोई भी चीज़ जल्दी सीखते हैं। पहले सम्पूर्ण बताना फिर उसको टुकड़ों में बांटना चाहिए। चाहे वह भाषा हो या कुछ और.

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  20. बचपन में भाषा सीखने की क्षमता और भाषा के माध्यम से सीखने की प्रवृत्ति प्राकृतिक होती है। इसके पीछे कई कारण हैं:मस्तिष्क की लचीलापन (Plasticity): छोटे बच्चों का मस्तिष्क बहुत लचीला होता है और नई जानकारी को जल्दी और आसानी से ग्रहण कर सकता है।पर्यावरण का प्रभाव: बच्चे अपने आसपास के वातावरण से भाषा सीखते हैं। वे अपने माता-पिता, भाई-बहनों और अन्य लोगों से बातचीत करके भाषा के मूलभूत तत्व सीखते हैं।नकल करने की क्षमता: बच्चे स्वाभाविक रूप से नकल करते हैं। वे शब्दों, ध्वनियों और वाक्य संरचनाओं की नकल करके भाषा सीखते हैं।खेल और गतिविधियों के माध्यम से सीखना: बच्चे खेलते हुए और विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हुए भाषा सीखते हैं। खेल और गतिविधियाँ भाषा सीखने को रोचक और मजेदार बनाती हैं।अनुभव और प्रयोग: बच्चे भाषा का प्रयोग करके अनुभव से सीखते हैं। वे अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए शब्दों और वाक्यों का प्रयोग करते हैं और प्रतिक्रिया प्राप्त करते हैं।इस प्रकार, बचपन में भाषा सीखना एक प्राकृतिक और सहज प्रक्रिया है, जो बच्चे के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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  21. भाषा सीखने की बच्चों मे जन्मजात क्षमता होती है। वे अपने परिवेश से बचपन से ही भाषा अर्जित करने लगते है।

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  22. भाषा सीखने की बच्चों मे जन्मजात क्षमता होती है। वे अपने परिवेश से बचपन से ही भाषा अर्जित करने लगते है।

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  23. हाँ, बच्चों में भाषा सीखने और भाषा के माध्यम से सीखने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। यह प्रवृत्ति कई कारकों पर आधारित है:

    1. **जैविक आधार**: नोम चोम्स्की के "यूनिवर्सल ग्रामर" सिद्धांत के अनुसार, बच्चों का मस्तिष्क जन्म से ही भाषा की संरचना को समझने के लिए तैयार होता है।

    2. **पर्यावरणीय प्रभाव**: बच्चे अपने आसपास के लोगों से बातचीत और सुनने के माध्यम से भाषा सीखते हैं। वे अपने परिवार, शिक्षकों और दोस्तों से नई शब्दावली और वाक्य संरचनाएं ग्रहण करते हैं।

    3. **अनुकरण और पुनरावृत्ति**: बच्चे बड़े लोगों की भाषा की नकल करते हैं और बार-बार सुनने और बोलने से भाषा को आत्मसात करते हैं। यह उन्हें भाषा की संरचना और शब्दावली को समझने में मदद करता है।

    4. **आवश्यकता और प्रेरणा**: बच्चे अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं को व्यक्त करने के लिए भाषा का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी भाषा सीखने की प्रेरणा बढ़ती है।

    5. **संज्ञानात्मक विकास**: भाषा सीखने की प्रक्रिया में बच्चे की संज्ञानात्मक क्षमताओं का विकास होता है।

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  24. Bhasha Sikhna ek natural baat h ..Bt bhasa ke madhayam se kuch bhi sikhna important hai

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  25. Ji ha bachchon me seekhane ki pravriti hoti hai

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  26. Ha bachche kuchh apane aap seekhate hai

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  27. Bachche apni aavashyakta ko viyakt karne ke liya bhasha ka prayog karte h
    y

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  28. Bachpan se hi bachche me bhasha sikhne aur use bolne ki nasargik prakritik adat hoti hai.yeye apne aspas se sunne wali dhvaniyon ko sunkr sikh the hain.

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  29. बच्चीं मे भाषा सिखने का स्वाभविक गुण होता ह

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  30. yeh ek maulik pravitti hoti hai baccho ke bhashai vikas ko buniyadi bhasha aur saksharta ke madhyam se sudran banaya ja sakta hai

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  31. Yes bachchon main seekhne ki pravarti janam se hi hoti hai

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  32. भाषा पढ़ाने के लिए पहले बर्णमाला पढाना चाहिए फिर स्वतंत्र बर्नज्ञान कराना चाहिए ।

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  33. जीवन जीने एवं सम्बंधो को बनाए रखने का एक माध्यम है

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  34. Yes , class room teaching is one of the good example for this .

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  35. Very effective
    Give pressure free environment to kids that helps them to share their thoughts and learn effectively

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  36. बच्चों की अपने परिवेश की एक परिवेशीय भाषा होती है जिसके द्वारा ही वह अन्य भाषाओं का ज्ञान अर्जित करता है और बहुत सी जानकारी एकत्रित करता है जो अपनी मातृभाषा से अन्य भाषाओं एवं विषयों की जानकारी स्वत अर्जित करता रहता है

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  37. हां बच्चों में भाषा सीखने और भाषा के माध्यम से सीखने की जरूरत होती है बच्चे अपने परिवेश से परवेशी भाषा के माध्यम से बहुत कुछ सीखते हैं और वह धीरे-धीरे अपनी बातों को स्पष्ट कर देते हैं

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  38. Bacche apni matrbhasha me acche se samajhte v sheekhtein hein

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  39. Bacchon ko unki bhasha me sikhna asaan hota

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  40. हां, बच्चों में भाषा सीखने की और भाषा के माध्यम से बेहतर सीखने की प्रवृत्ति होती हैं ।

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  41. Bacche mein Bhasha sikhane ka gun janmjaat hota hai. Prarambh mein baccha Apne Mata pita ka parivar ke Anya sadasyon ki baton ko Dhyan se sunta hai, pratikriya deta hai aur धीरे-धीरे bhasha ke kuchh Shabd bolane bolna shuru kar deta hai 3 varsh ki umra Tak baccha lagbhag apni Marg bhasha mein acche se baat karna Sikh jata hai

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  44. बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति जन्म से ही होती है मातृभाषा में ही बच्चे जल्दी सीखते हैं

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  45. Bacchon mein Bhasha sikhane ki pravritti janm se Hoti hai matrabhasha mein hi bacche jaldi sikhate Hain

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  46. Bacche sikhne mai bahut Ruchi rakhte hai

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  47. बच्चे जन्म से ही सुनना और समझना शुरू कर देते हैं।उनके सुनने में ही समझना निहित होता है।

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  48. बच्चे जन्म से ही सुनना और समझना शुरू कर देते हैं। उनके सुनने में ही स्वयं की समझ निहित है।

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  49. बच्चे के स्वभाव में जन्म से ही सीखने का गुण होता है

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  50. बच्चे बड़े लोगों की भाषा की नकल करते हैं और बार-बार सुनने और बोलने से भाषा को आत्मसात करते हैं।

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  51. भाषा प्रारंभिक साक्षरता कौशल का प्रमुख है अवयव है।भाषा संचार का माध्यम है।यह बातचीत करने और दूसरों तक संदेश भेजने की एक स्वाभाविक मानवीय इच्छा है ।यह सोचने ,अनुभव करने एवं प्रतिक्रिया देने के साधन के रूप में भी है ।बच्चों की रुचियों , मूल्यों और दृष्टिकोण को समझने के लिए काम करती है अर्थात बच्चे अपनी मातृभाषा से स्कूली भाषा को सीखते हैं ।बुनियादी स्तर पर बच्चे भाषा सीखते हैं जबकि आगे चलकर यही बच्चे भाषा के माध्यम से विषयों को सिखाते हैं ।अपनी शैक्षणिक उपलब्धियां को हासिल करते हैं, दूसरे शब्दों में कहें तो शुरुआती दौर में बच्चे भाषा सीखते हैं ,और बाद में भाषा के माध्यम से उच्च ज्ञान अर्जित करते हैं।

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  52. भाषा बुनियादी साक्षरता का प्रमुख अवयव है। बच्चे जन्म से ही सीखने की स्वभाविक प्रवृति से युक्त होते हैं। उनका तंत्रिका-तंत्र बहुत तेज गति से विकसित होता है। उनका 80% मस्तिष्क प्रारंभिक बाल्यकाल में विकसित हो चुका होता है। वे शैशवकाल से ही अपने पर्यावरण से उच्चारण, ध्वनियों, व्यक्तियों के हाव-भाव आदि से अक्षरों एवं शब्दों को सीखने लगते हैं। क्रमशः इसी प्रकार भाषा कौशल विकसित होता है और तत्पश्चात वे बोलकर नवीन जानकारियां प्राप्त करते हैं, और अपनी जिज्ञासा व्यक्त करते हैं तथा अपने ज्ञान भंडार की वृद्धि करते हैं।

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  53. जी हाँ, होती है, बच्चे अपने परिवेश में बोली जाने वाली भाषा में सरलता व सहजता से सीखते हैं

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  54. बच्चे अपने परिवेश में, दोस्तों से, परिवार के सदस्यों आदि से परस्पर बातचीत से भाषा सीखते हैं

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  55. Baccho apni bhasha me jaldi sikhte hai

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  56. Bachche apni bhasha me jaldi sikhte hai

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