कोर्स 06: गतिविधि 3: अपने विचार साझा करें

क्या हमें भाषा सिखाने की शुरुआत वर्णमाला सिखाने से करनी चाहिए? क्या बच्चों को क्रमानुसार वर्णमाला से परिचित कराना चाहिए? अपने विचारों को साझा करें।

Comments

  1. बुनियादी भाषा और साक्षरता

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    1. बच्चों को क्रमानुसार भाषा सीखनी चाहिए

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  2. No it's not compulsory that teacher taught Hindi by helping warnmala . Teacher must be created healthy atmosphere using some rhymes stories game's activities.This is the first step to teach Hindi.Thanks

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  3. Ek ek warn se parichay karena jyada achha hota h kram ki awasyakta nahi hoti

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  4. First of all a child should be acquainted with hindi in form of rhymes,stories etc after that by games child should be taught language.

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  6. भाषा विकास प्रारम्भिक रूप में मौखिक रूप में सर्वोत्तम है।
    तदोपरांत वातवारण उद्दीपकों से संबंध स्थापित करते हुए वर्णमाला का क्रमबद्ध ज्ञान अपेक्षित है

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  7. भाषा सिखाने की शुरुआत में मौखिक बोलने की आवश्यकता होती है व बच्चों को सुनने की बच्चों को क्रमानुसार परिचित न भी करवाया जाए किन्तु सभी वर्णो से परिचित कराना आवश्यक है जिससे कि वे शुद्ध पढ़ना लिखना सीख सके

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  8. नही, बच्चों के मौखिक भाषा विकास के साथ वर्णो से परिचय करायें

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  9. भाषा शिक्षण का क्रम सुनना बोलना पढ़ना और लिखना सबसे सर्वोत्तम है

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    1. भाषा शिक्षण का क्रम सुनना बोलना पढ़ना और लिखना सबसे सर्वोत्तम है

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  10. Nahi sikhane ki shuruaat bachche ke pasand se karana chahiye

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  11. भाषा सीखने की शुरुआत परिवेशीय वस्तुओं के नाम से करना उचित रहता है इन नाम की समझ हो जाने पर फिर बच्चों को अक्षरों की ध्वनि से परिचित कराना चाहिए।

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  12. It is not compulsory that teacher that Hindi by helping varnamala. Teacher must be created healthy atmosphere using some rhymes, story games activities.This is the first step to teach Hindi.

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  13. वर्णमाला से भाषा सिखाने का नियम अच्छा हैं परन्तु यह आवश्यक नहो

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  14. Nhi phle words se introduce kraye fir phonic ko samjh payega AASANI SE

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  15. Baccho ko phle maukhik Bhasha sikhane chahie

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  16. Bacchon ko phle maukhik bhasa sikhani chahiye

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  17. भाषा सीखने के क्रम में बच्चे सर्वप्रथम सुनना और बोलना सीखते हैं। वर्णमाला के क्रम में सीखना अव्यवहारिक है।

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  18. It's not necessary to start with varnmala. Rather to make healthy environment for learning

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  19. बच्चों को भाषा सिखाना कविताओं, कहानियों आदि से शुरुवात करनी चाहिए। बच्चों को वर्णमाला से परिचित कराने से पहले उससे सम्बंधित ऐसे शब्दों से करनी चाहिए जो बच्चें के व्यवहार में पहले से हो।

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  20. बच्चे मे भाषा सीखने की जन्मजात क्षमता होती है। पूर्व ज्ञान से नये ज्ञान को जोड़ा जाना चाहिए।

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  21. भाषा का तात्पर्य केवल वर्णमाला सीखाना नहीं है , अपितु यह विभिन्न सामाजिक संदर्भों में उपयोग से संबंधित होती है ।विशेष रूप से तब जब बच्चे प्रारंभिक वर्षों में सीखते हैं ।भाषा विभिन्न अवयवों से बनती है, जैसे ध्वन्यात्मकता, शब्द रचना ,वाक्य रचना और व्यावहारिकता आदि। जिसमें सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना आदि शामिल है ।छोटे बच्चे अलग-अलग घटकों का उपयोग नहीं करते हैं ,बल्कि वे समग्र रूप का उपयोग करते हैं ।भाषा कौशल हमें बताता है की वर्णमाला सीखने के पहले बच्चे सुनने और बोलने से सीखते हैं इसलिए सीखने के शुरुआती समय में कहानी ,कविता, खेल आदि के माध्यम से बच्चों को सीखना चाहिए। साथ ही साथ बच्चे परिवेशीय वस्तुओं से भी सीखते हैं।

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  22. भाषा सीखने की शुरुआत परिवेशीय वस्तुओं के नाम से करना उचित रहता है इन नाम की समझ हो जाने पर फिर बच्चों को अक्षरों की ध्वनि से परिचित कराना चाहिए।

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  23. The learning shud be like ,in which they feel comfortable

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  24. शिक्षक बच्चों को कुछ कविताएं, कहानियां, खेल या अन्य गतिविधियों का उपयोग करके भी हिन्दी सिखा सकता है।

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  25. सुनना , बोलना , पढ़ना और लिखना

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  26. भाषा सीखने के क्रम में बच्चे सर्वप्रथम सुनना और बोलना सीखते हैं। वर्णमाला के क्रम में सीखना अव्यवहारिक है।

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  27. Bhasha sikhane ke liye sunna bolna padane likhane ka kram bahut Achcha hai

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  28. भाषा को सीखने के लिए पहले वर्णमाला सिखाना आवश्यक नहीं है। बच्चो को L.S.R.W. के क्रम में ही सिखाना चाहिए।

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  29. वर्णमाला क्रम सीखना आवश्यक है लेकिन भाषा सीखने में यह आवश्यक नहीं है बच्चा जब बोलना सीखता है तो वह कोई भी वर्ण से बोलना शुरू करता है

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  30. Nahi hame varnmala se nahi karani chahiye

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  31. Nahi hame bhasha varnmala se nahi karani chahiye

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  32. Bachcho ko mokhik bhasha ke sath.sath varno ka gyan bhi karana chahiye

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  33. Yh awashyak nhi hai ki varnamaala se hi shuru kiya jaye.

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  34. First of all a child should be acquainted with hindi in form of rhymes,stories etc after that by games child should be taught language.

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  35. bhasha seekhne ki shuruat matrabhasha se hoti hai baccho ko unki samajh ke anusaar dusri bhashaon se vidhyalai evum samajik parivesh ko dhyan mein rakhte hue sikhane ka satat prayas karna chahiye isi anukram mein varnamala par bhi karya karna chahiye

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  36. बर्णमाल सीखनाआवश्यक है वर्णमाला के बाद वर्णों की पहचान कराना चाहिए।

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  37. बच्चों को भाषा सिखाना कविताओं, कहानियों आदि से शुरुवात करनी चाहिए। बच्चों को वर्णमाला से परिचित कराने से पहले उससे सम्बंधित ऐसे शब्दों से करनी चाहिए जो बच्चें के व्यवहार में पहले से हो।

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  38. भाषा शिक्षण का क्रम सुनना बोलना पढ़ना और लिखना सबसे सर्वोत्तम है

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  39. बच्चों को क्रमानुसार भाषा सीखनी चाहिए

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  40. भाषा सीखने में मौखिक भाषा विकास( परिवेश से जुड़ीं कविता,कहानी और वस्तुओं के नामों को बोलकर,सुनाकर) से शुरुआत करना चाहिए और उनके परिवेश से जुड़े शब्दों को ध्वनियों में तोड़कर अलग-अलग ध्वनि से परिचित कराते हुए वर्णों पर काम हो ।

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  41. बच्चा भाषा समग्र रूप में सीखना है इसलिए पढ़ना लिखना बोलना सुना साथ ही पढ़ना चाहिए अलग से नहीं

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  42. नहीं, क्रम पर ध्यान न देकर भाषा को पूर्व ज्ञान से जोड़ा जाना चाहिए।

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  43. नहीं, हमें भाषा सीखने के लिए वर्णमाला से शुरुआत नहीं करनी चाहिएl बच्चे जब स्कूल में आए तो पहले उनको गीत, ,कविता, कहानी आदि से शुरुआत करनी चाहिए lफिर धीरे-धीरे कविता कहानी गीत में आए वाक्य शब्दों वर्णों का ज्ञान करना चाहिए जिससे बच्चे खेल-खेल में वर्णमाला की जानकारी एकत्रित करेंगे और सीखेंगे

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  44. भाषा सीखने की शुरुआत परिवेशीय वस्तुओं के नाम से करना उचित रहता है इन नाम की समझ हो जाने पर फिर बच्चों को अक्षरों की ध्वनि से परिचित कराना चाहिए।

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  45. ऐसा जरूरी नहीं है. रुचिकर शब्दो द्वार अक्षरो या वर्णो का ज्ञान करा नये शब्द बच्चों द्वारा अक्षरो का ज्ञान कराये ताकि बच्चों को अक्षर ज्ञान हो जाये।

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  46. Starting me varnmala sikhana jaroori nahi hai. Bachchoin ko kavita aur story ke madhyam se bhi sikhya ja sakta h.

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  49. बच्चे जन्म के समय से ही सुना और समझना प्रारंभ कर देते हैं उनके सुनने में स्वयं से समझाना भी निहित है

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  50. नहीं वर्णमाला सीखने के साथ शुरुआत नहीं करना चाहिए पहले बच्चों को सरल डिकोड वाले शब्द तत्पश्चात आ की मात्रा सीखानी चाहिए

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  51. Pehle baccho ko unke bhasha mai sikhna chahiye

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  52. भाषा सिखाने की शुरुआत में मौखिक बोलने की आवश्यकता होती है व बच्चों को सुनने की बच्चों को क्रमानुसार परिचित न भी करवाया जाए किन्तु सभी वर्णो से परिचित कराना आवश्यक है जिससे कि वे शुद्ध पढ़ना लिखना सीख स

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  53. वर्णमाला सिखाने के लिए क्रम की आवश्यकता नहीं होती है। शब्द से वर्णों की पहचान कराना चाहिए। जब बच्चा वर्ण पहचानना सीख जाए तब उन्हें वर्णमाला की क्रम पहचान कराना चाहिए।

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  54. बच्चों को क्रमानुसार भाषा सीखनी चाहिए

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  55. भाषा सीखने के लिए वर्ण परिचय आवश्यक है।

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