No it's not compulsory that teacher taught Hindi by helping warnmala . Teacher must be created healthy atmosphere using some rhymes stories game's activities.This is the first step to teach Hindi.Thanks
भाषा सिखाने की शुरुआत में मौखिक बोलने की आवश्यकता होती है व बच्चों को सुनने की बच्चों को क्रमानुसार परिचित न भी करवाया जाए किन्तु सभी वर्णो से परिचित कराना आवश्यक है जिससे कि वे शुद्ध पढ़ना लिखना सीख सके
It is not compulsory that teacher that Hindi by helping varnamala. Teacher must be created healthy atmosphere using some rhymes, story games activities.This is the first step to teach Hindi.
बच्चों को भाषा सिखाना कविताओं, कहानियों आदि से शुरुवात करनी चाहिए। बच्चों को वर्णमाला से परिचित कराने से पहले उससे सम्बंधित ऐसे शब्दों से करनी चाहिए जो बच्चें के व्यवहार में पहले से हो।
भाषा का तात्पर्य केवल वर्णमाला सीखाना नहीं है , अपितु यह विभिन्न सामाजिक संदर्भों में उपयोग से संबंधित होती है ।विशेष रूप से तब जब बच्चे प्रारंभिक वर्षों में सीखते हैं ।भाषा विभिन्न अवयवों से बनती है, जैसे ध्वन्यात्मकता, शब्द रचना ,वाक्य रचना और व्यावहारिकता आदि। जिसमें सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना आदि शामिल है ।छोटे बच्चे अलग-अलग घटकों का उपयोग नहीं करते हैं ,बल्कि वे समग्र रूप का उपयोग करते हैं ।भाषा कौशल हमें बताता है की वर्णमाला सीखने के पहले बच्चे सुनने और बोलने से सीखते हैं इसलिए सीखने के शुरुआती समय में कहानी ,कविता, खेल आदि के माध्यम से बच्चों को सीखना चाहिए। साथ ही साथ बच्चे परिवेशीय वस्तुओं से भी सीखते हैं।
bhasha seekhne ki shuruat matrabhasha se hoti hai baccho ko unki samajh ke anusaar dusri bhashaon se vidhyalai evum samajik parivesh ko dhyan mein rakhte hue sikhane ka satat prayas karna chahiye isi anukram mein varnamala par bhi karya karna chahiye
बच्चों को भाषा सिखाना कविताओं, कहानियों आदि से शुरुवात करनी चाहिए। बच्चों को वर्णमाला से परिचित कराने से पहले उससे सम्बंधित ऐसे शब्दों से करनी चाहिए जो बच्चें के व्यवहार में पहले से हो।
भाषा सीखने में मौखिक भाषा विकास( परिवेश से जुड़ीं कविता,कहानी और वस्तुओं के नामों को बोलकर,सुनाकर) से शुरुआत करना चाहिए और उनके परिवेश से जुड़े शब्दों को ध्वनियों में तोड़कर अलग-अलग ध्वनि से परिचित कराते हुए वर्णों पर काम हो ।
नहीं, हमें भाषा सीखने के लिए वर्णमाला से शुरुआत नहीं करनी चाहिएl बच्चे जब स्कूल में आए तो पहले उनको गीत, ,कविता, कहानी आदि से शुरुआत करनी चाहिए lफिर धीरे-धीरे कविता कहानी गीत में आए वाक्य शब्दों वर्णों का ज्ञान करना चाहिए जिससे बच्चे खेल-खेल में वर्णमाला की जानकारी एकत्रित करेंगे और सीखेंगे
भाषा सिखाने की शुरुआत में मौखिक बोलने की आवश्यकता होती है व बच्चों को सुनने की बच्चों को क्रमानुसार परिचित न भी करवाया जाए किन्तु सभी वर्णो से परिचित कराना आवश्यक है जिससे कि वे शुद्ध पढ़ना लिखना सीख स
वर्णमाला सिखाने के लिए क्रम की आवश्यकता नहीं होती है। शब्द से वर्णों की पहचान कराना चाहिए। जब बच्चा वर्ण पहचानना सीख जाए तब उन्हें वर्णमाला की क्रम पहचान कराना चाहिए।
Watch the video film “Khula Aakash” 2014 from the following link: https://www.youtube.com/watch?v=1XjDHOrcJyw and reflect on it. Think about what is ECCE? Why is it important? How does ECCE provide a basis for learning in school and life? Share your reflections.
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निम्न लिंक से 'खुला आकाश' 2004 वीडियो फिल्म देखें और इस पर अपने विचार साझा करें : https://www.youtube.com/watch?v=1XjDHOrcJyw ईसीसीई के बारे में सोचें? क्या यह आवश्यक है? ईसीसीई कैसे स्कूल और जीवन में सीखने का आधार प्रदान करता है? अपनी समझ साझा करें ।
बुनियादी भाषा और साक्षरता
ReplyDeleteबच्चों को क्रमानुसार भाषा सीखनी चाहिए
DeleteGood
ReplyDeleteGOOD
ReplyDeleteNo it's not compulsory that teacher taught Hindi by helping warnmala . Teacher must be created healthy atmosphere using some rhymes stories game's activities.This is the first step to teach Hindi.Thanks
ReplyDeleteEk ek warn se parichay karena jyada achha hota h kram ki awasyakta nahi hoti
ReplyDeleteFirst of all a child should be acquainted with hindi in form of rhymes,stories etc after that by games child should be taught language.
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ReplyDeleteभाषा विकास प्रारम्भिक रूप में मौखिक रूप में सर्वोत्तम है।
ReplyDeleteतदोपरांत वातवारण उद्दीपकों से संबंध स्थापित करते हुए वर्णमाला का क्रमबद्ध ज्ञान अपेक्षित है
भाषा सिखाने की शुरुआत में मौखिक बोलने की आवश्यकता होती है व बच्चों को सुनने की बच्चों को क्रमानुसार परिचित न भी करवाया जाए किन्तु सभी वर्णो से परिचित कराना आवश्यक है जिससे कि वे शुद्ध पढ़ना लिखना सीख सके
ReplyDeleteनही, बच्चों के मौखिक भाषा विकास के साथ वर्णो से परिचय करायें
ReplyDeleteभाषा शिक्षण का क्रम सुनना बोलना पढ़ना और लिखना सबसे सर्वोत्तम है
ReplyDeleteभाषा शिक्षण का क्रम सुनना बोलना पढ़ना और लिखना सबसे सर्वोत्तम है
DeleteRight। LSRW
DeleteNahi sikhane ki shuruaat bachche ke pasand se karana chahiye
ReplyDeleteभाषा सीखने की शुरुआत परिवेशीय वस्तुओं के नाम से करना उचित रहता है इन नाम की समझ हो जाने पर फिर बच्चों को अक्षरों की ध्वनि से परिचित कराना चाहिए।
ReplyDeleteभाषा सीखने की शुरू आत परि वेशीय वस्तु ओ के नाम से करना उचित रहता है इन नाम की समझ हो जाने पर फिर बच्चो को
DeleteIt is not compulsory that teacher that Hindi by helping varnamala. Teacher must be created healthy atmosphere using some rhymes, story games activities.This is the first step to teach Hindi.
ReplyDeleteवर्णमाला से भाषा सिखाने का नियम अच्छा हैं परन्तु यह आवश्यक नहो
ReplyDeleteNhi phle words se introduce kraye fir phonic ko samjh payega AASANI SE
ReplyDeleteBaccho ko phle maukhik Bhasha sikhane chahie
ReplyDeleteBacchon ko phle maukhik bhasa sikhani chahiye
ReplyDeleteभाषा सीखने के क्रम में बच्चे सर्वप्रथम सुनना और बोलना सीखते हैं। वर्णमाला के क्रम में सीखना अव्यवहारिक है।
ReplyDeleteSahi baat baat hai
DeleteIt's not necessary to start with varnmala. Rather to make healthy environment for learning
ReplyDeleteबच्चों को भाषा सिखाना कविताओं, कहानियों आदि से शुरुवात करनी चाहिए। बच्चों को वर्णमाला से परिचित कराने से पहले उससे सम्बंधित ऐसे शब्दों से करनी चाहिए जो बच्चें के व्यवहार में पहले से हो।
ReplyDeleteबच्चे मे भाषा सीखने की जन्मजात क्षमता होती है। पूर्व ज्ञान से नये ज्ञान को जोड़ा जाना चाहिए।
ReplyDeleteभाषा का तात्पर्य केवल वर्णमाला सीखाना नहीं है , अपितु यह विभिन्न सामाजिक संदर्भों में उपयोग से संबंधित होती है ।विशेष रूप से तब जब बच्चे प्रारंभिक वर्षों में सीखते हैं ।भाषा विभिन्न अवयवों से बनती है, जैसे ध्वन्यात्मकता, शब्द रचना ,वाक्य रचना और व्यावहारिकता आदि। जिसमें सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना आदि शामिल है ।छोटे बच्चे अलग-अलग घटकों का उपयोग नहीं करते हैं ,बल्कि वे समग्र रूप का उपयोग करते हैं ।भाषा कौशल हमें बताता है की वर्णमाला सीखने के पहले बच्चे सुनने और बोलने से सीखते हैं इसलिए सीखने के शुरुआती समय में कहानी ,कविता, खेल आदि के माध्यम से बच्चों को सीखना चाहिए। साथ ही साथ बच्चे परिवेशीय वस्तुओं से भी सीखते हैं।
ReplyDeleteभाषा सीखने की शुरुआत परिवेशीय वस्तुओं के नाम से करना उचित रहता है इन नाम की समझ हो जाने पर फिर बच्चों को अक्षरों की ध्वनि से परिचित कराना चाहिए।
ReplyDeleteREPLY
Not needed.
ReplyDeleteThe learning shud be like ,in which they feel comfortable
ReplyDeleteशिक्षक बच्चों को कुछ कविताएं, कहानियां, खेल या अन्य गतिविधियों का उपयोग करके भी हिन्दी सिखा सकता है।
ReplyDeleteसुनना , बोलना , पढ़ना और लिखना
ReplyDeleteभाषा सीखने के क्रम में बच्चे सर्वप्रथम सुनना और बोलना सीखते हैं। वर्णमाला के क्रम में सीखना अव्यवहारिक है।
ReplyDeleteBhasha sikhane ke liye sunna bolna padane likhane ka kram bahut Achcha hai
ReplyDeleteभाषा को सीखने के लिए पहले वर्णमाला सिखाना आवश्यक नहीं है। बच्चो को L.S.R.W. के क्रम में ही सिखाना चाहिए।
ReplyDeleteवर्णमाला क्रम सीखना आवश्यक है लेकिन भाषा सीखने में यह आवश्यक नहीं है बच्चा जब बोलना सीखता है तो वह कोई भी वर्ण से बोलना शुरू करता है
ReplyDeleteNahi hame varnmala se nahi karani chahiye
ReplyDeleteNahi hame bhasha varnmala se nahi karani chahiye
ReplyDeleteYes,yes
ReplyDeleteBachcho ko mokhik bhasha ke sath.sath varno ka gyan bhi karana chahiye
ReplyDeleteYh awashyak nhi hai ki varnamaala se hi shuru kiya jaye.
ReplyDeleteFirst of all a child should be acquainted with hindi in form of rhymes,stories etc after that by games child should be taught language.
ReplyDeletebhasha seekhne ki shuruat matrabhasha se hoti hai baccho ko unki samajh ke anusaar dusri bhashaon se vidhyalai evum samajik parivesh ko dhyan mein rakhte hue sikhane ka satat prayas karna chahiye isi anukram mein varnamala par bhi karya karna chahiye
ReplyDeleteYes
Deleteबर्णमाल सीखनाआवश्यक है वर्णमाला के बाद वर्णों की पहचान कराना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को भाषा सिखाना कविताओं, कहानियों आदि से शुरुवात करनी चाहिए। बच्चों को वर्णमाला से परिचित कराने से पहले उससे सम्बंधित ऐसे शब्दों से करनी चाहिए जो बच्चें के व्यवहार में पहले से हो।
ReplyDeleteभाषा शिक्षण का क्रम सुनना बोलना पढ़ना और लिखना सबसे सर्वोत्तम है
ReplyDeleteबच्चों को क्रमानुसार भाषा सीखनी चाहिए
ReplyDeleteभाषा सीखने में मौखिक भाषा विकास( परिवेश से जुड़ीं कविता,कहानी और वस्तुओं के नामों को बोलकर,सुनाकर) से शुरुआत करना चाहिए और उनके परिवेश से जुड़े शब्दों को ध्वनियों में तोड़कर अलग-अलग ध्वनि से परिचित कराते हुए वर्णों पर काम हो ।
ReplyDeleteबच्चा भाषा समग्र रूप में सीखना है इसलिए पढ़ना लिखना बोलना सुना साथ ही पढ़ना चाहिए अलग से नहीं
ReplyDeleteनहीं, क्रम पर ध्यान न देकर भाषा को पूर्व ज्ञान से जोड़ा जाना चाहिए।
ReplyDeleteनहीं, हमें भाषा सीखने के लिए वर्णमाला से शुरुआत नहीं करनी चाहिएl बच्चे जब स्कूल में आए तो पहले उनको गीत, ,कविता, कहानी आदि से शुरुआत करनी चाहिए lफिर धीरे-धीरे कविता कहानी गीत में आए वाक्य शब्दों वर्णों का ज्ञान करना चाहिए जिससे बच्चे खेल-खेल में वर्णमाला की जानकारी एकत्रित करेंगे और सीखेंगे
ReplyDeleteभाषा सीखने की शुरुआत परिवेशीय वस्तुओं के नाम से करना उचित रहता है इन नाम की समझ हो जाने पर फिर बच्चों को अक्षरों की ध्वनि से परिचित कराना चाहिए।
ReplyDeleteऐसा जरूरी नहीं है. रुचिकर शब्दो द्वार अक्षरो या वर्णो का ज्ञान करा नये शब्द बच्चों द्वारा अक्षरो का ज्ञान कराये ताकि बच्चों को अक्षर ज्ञान हो जाये।
ReplyDeleteStarting me varnmala sikhana jaroori nahi hai. Bachchoin ko kavita aur story ke madhyam se bhi sikhya ja sakta h.
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ReplyDeleteबच्चे जन्म के समय से ही सुना और समझना प्रारंभ कर देते हैं उनके सुनने में स्वयं से समझाना भी निहित है
ReplyDeleteनहीं वर्णमाला सीखने के साथ शुरुआत नहीं करना चाहिए पहले बच्चों को सरल डिकोड वाले शब्द तत्पश्चात आ की मात्रा सीखानी चाहिए
ReplyDeletePehle baccho ko unke bhasha mai sikhna chahiye
ReplyDeleteBuniyadi bhasha achchhi rhti hai
ReplyDeleteभाषा सिखाने की शुरुआत में मौखिक बोलने की आवश्यकता होती है व बच्चों को सुनने की बच्चों को क्रमानुसार परिचित न भी करवाया जाए किन्तु सभी वर्णो से परिचित कराना आवश्यक है जिससे कि वे शुद्ध पढ़ना लिखना सीख स
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Deleteवर्णमाला सिखाने के लिए क्रम की आवश्यकता नहीं होती है। शब्द से वर्णों की पहचान कराना चाहिए। जब बच्चा वर्ण पहचानना सीख जाए तब उन्हें वर्णमाला की क्रम पहचान कराना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को क्रमानुसार भाषा सीखनी चाहिए
ReplyDeleteभाषा सीखने के लिए वर्ण परिचय आवश्यक है।
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