कोर्स 08: गतिविधि 1: अपने विचार साझा करें

आकलन के ऐसे कौन-से प्रकार हैं जिन्‍हें आप बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ प्रयोग कर सकते हैं? आकलन के प्रकारों की सूची बनाएं - विशेष रूप से लिखित परीक्षा से भि‍न्न आकलन के प्रकार सोचें। अपने विचार साझा करें। 


Comments

  1. सीखने का आकलन

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    1. Teacher should do assessment with learning।

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  2. 1.Bachho ko khel vidhi v gatividhio k madhaym se likhit pariksha li jaay 2.bachho ko chart ,painting ,clay model etc k madhaym se pariksha lekar likhit pariksha kosaath jodkar no. Diy jaay
    Is vidhi se bachhe sahajta se v interest k saath ,samajkr pariksha de paayenge

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    2. उपरोक्त हेतु बच्चों का रचनात्मक आकलन कर पोर्टफोलियो बनाना उचित तरीका होगा

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  3. सतत मूल्यांकन
    खेल विधि मूल्यांकन
    लिखित मूल्यांकन
    मौखिक मूल्यांकन
    खिलौनों द्वारा मूल्यांकन

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  4. मौखिक विधि से मूल्यांकन खेल में मूल्यांकन

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  5. सतत मूल्यांकन
    खेल विधि मूल्यांकन
    लिखित मूल्यांकन
    मौखिक मूल्यांकन
    स्वयं से करना व सीखना गतिविधि द्वारा मूल्यांकन

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  6. मौखिक आकलन
    खेल गतिविधि आकलन
    सतत आकलन
    पीयर लर्निंग आकलन

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  7. खेल विधि द्वारा

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  8. Bachho ke har kshetra ka aklan karna chahiye

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  9. सतत मूल्यांकन
    खेल विधि मूल्यांकन
    लिखित मूल्यांकन
    मौखिक मूल्यांकन
    पोर्टफोलियो मूल्यांकन
    स्वयं से करना व सीखना गतिविधि द्वारा मूल्यांकन

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  10. continuous assessment
    game method evaluation
    written evaluation
    oral assessment
    portfolio valuation
    Assessment through self-learning activity

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  11. Portfolio and continuous assessment method

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  12. In my opinion, I ll take the following assessment-
    1. Gamified assessment
    2. Scenario based assessment
    3. Behavioural assessment

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  13. सतत मूल्यांकन मौखिक मूल्यांकन

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    1. सतत मूल्यांकन
      खेल विधि मूल्यांकन
      लिखित मूल्यांकन
      मौखिक मूल्यांकन
      खिलौनों द्वारा मूल्यांकन

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  14. बच्चों का आंकलन किसी भी रूप में हो सकता है। बच्चे निरंतर रूप से सिखते हैं।

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  15. सतत मूल्यांकन
    खेल मूल्यांकन
    मौखिक मूल्यांकन
    लिखित मूल्यांकन

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  16. सतत मूल्यांकन मौखिक मूल्यांकन

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  17. सतत आकलन
    खेल विधि आकलन
    लिखित आकलन
    मौखिक आकलन
    खिलौनों द्वारा आकलन

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  18. Satat akalan,khelvidhi akalan,likhit akalan,maukhik akalan and khelodwara akalan.

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  19. रचनात्मक
    योगात्मक
    पोर्टफोलियो
    रेटिंग स्केल
    स्व मूल्यांकन
    सहयोगात्मक मूल्यांकन
    चेक लिस्ट
    प्रेक्षण

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  20. रचनात्मक मूल्यांकन और पोर्टफोलियो बनाना।

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  21. आकलन एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है हम बच्चे का आकलन विद्यालय के भौतिक परिवेश खेल के मैदान कक्षा कक्ष में उसके द्वारा किए जा रहे विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से हम ऑब्जरवेशन आधारित आकलन कर सकते हैं आकलन के उपरांत बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक सहायता एवं प्रतिपुष्टि प्रदान कर सकते हैं ।

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  22. सतत मूल्यांकन।

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  23. Mokhikh mulyankan khel vidhi se mulyankan

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  24. Hum bachchon ka sustainable mulyankan karenge....

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  25. सतत मूल्यांकन से बच्चों की प्रगति का पता साथ साथ ही लगता रहता है।

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  26. Kaksha me charcha paricharcha ke samay

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  27. सतत मूल्यांकन
    खेल विधि मूल्यांकन
    लिखित मूल्यांकन
    मौखिक मूल्यांकन
    स्वयं से करना व सीखना गतिविधि द्वारा

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  28. आकलन अधिगम प्रक्रिया के साथ-साथ चलने वाला सतत्, अनवरत् एवम् अभिन्न उपक्रम है जोकि अधोवर्णित विधियों द्वारा निर्बाध गतिमान रहता है-
    ●नियमित सम्वाद एवम् वार्तालाप।
    ●प्रिंट समृद्ध सामग्री केंद्रित वर्णन।
    ●व्यक्तिगत अनुभवों पर समृद्ध चर्चा।
    ●खेल एवम् प्रासंगिक गतिविधि।
    ●अवलोकन एवम् मार्गदर्शन।
    ●श्यामपट्ट पर अभिव्यक्ति के पर्याप्त अवसर।
    ●खुले एवम् बंद छोर के प्रश्न।
    ●स्तर अनुकूल क्विज़ एवम् प्रासंगिक प्रश्नोत्तरी इत्यादि।

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  29. Oral assessment, practically assessment, khel khel me mulyankan, written assessment etc

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  30. आकलन अनेकों प्रकार से किया जा सकता है

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  31. Aakalan Anek ko Prakar Se Kiya Ja sakta hai Jaise maukhik Aandolan Khel dwara aakalan Likhit aakalan

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  32. बच्चों से बातचीत के द्वारा, खेलकूद की गतिविधि, पीयर लर्निंग के माध्यम से उनका सतत मूल्यांकन किया जाना

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  33. बच्चों का आकलन करने के बहुत से तरीके हो सकते है क्योंकि ये सतत चलने वाली प्रक्रिया है। आकलन हो सकते है-
    वार्तालाप द्वारा, व्यवहारिक आकलन, गतिविधिक आकलन, आदि।

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  34. वाद विवाद, समुह चर्चा, रचनात्मक आकलन, निदानात्मक, उपचारात्मक आकलन।

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  35. आकलन बच्चों के सीखने उनकी दक्षताओं का निर्माण करने और आवश्यक प्रतिपुष्टि यानि कि फीडबैक प्रदान करने में सहायता करता है।बुनियादी अवस्था में बच्चों के साथ निम्नलिखित प्रकार के आकलन का प्रयोग कर सकते हैं, अवलोकन टिप्पणी की डायरी बनाना, जांच सूची बनाना,पोर्टफोलियो बनाना, रुब्रिक्स बनाना ,वीडियो टेपिंग /ऑडियो, रेटिंग स्केल्स आदि।

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