कोर्स 10: गतिविधि 2: अपने विचार साझा करें

3-9 वर्ष की आयु के बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए आप विभिन्न हितधारकों के साथ कैसे जुड़ सकते हैं? विद्यालय के एक नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी भूमिका पर विचार करें।


Comments

  1. बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान हेतु विद्यालय नेतृत्व

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    1. Very useful video in teaching for holistic development

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  2. अभिभावकों को साथ लेकर चलना चाहिए

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  3. बच्चों को स्वाध्यायी बनाने के लिए अभिभावकों से बातचीत करें

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  4. Bachho k sarvagin vikas v savdhyayayi bnane k liye abhibhavako ka sahyog le

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  5. अभिभावकों की भागीदारी एवं उनका सहयोग नितांत आवश्यक है

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  6. Bachho ko samajhna or parents ke saath frequently sambad karke

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  7. Nirantar baithak awam bachho ke seekhne par charcha karna

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  8. Parents and teachers need to be meet and discuss about child learning process.

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  9. मौखिक कार्य
    फ्लैश कार्ड
    पजल्स
    गिनती कार्ड
    अक्षर कार्ड
    हाव भाव युक्त गतिविधियां
    प्रॉजेक्ट कार्य
    बिल्डिंग नंबर एंड स्टोरीज

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  10. विघालय नेतृत्व बहुत आवश्यक है।

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  11. भयमुक्त वातावरण देकर मैत्रीपूर्ण व्यवहार करके रूचि उत्पन्न करके रचनात्मक कार्य कराने चाहिए।

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  12. Abhibhvako se bachcho ke vishay me adhik se adhik jankari prapt karna
    Bhacho se Param purn viyavhar rakhna gatividhiyo ka adhik se adhik
    Paryog karna

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  13. SMC ki baithak mein Pratima abhibhavakon se Charcha per Charcha Karke bacchon ke samasyaon ka samadhan nikalkar

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  14. समय समय पर PTM व SMC की सहायता से समाज व माता पिता को मिलकर बच्चों की ग्रोथ व उनकी परेशानियों को जानकर उसे हल किया जा सकता है ।

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  15. अभिभावक मीटिंग और भय मुक्त वातावरण देकर बच्चो को रचनात्मक कार्य करवाने चाहिए।smc के सदस्यो की सहायता से और बच्चों के माता पिता से मिलकर बच्चो की परेशानियों का हल किया जा सकता है।

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  16. विद्यालय नेतृत्व कर्ता के रूप में हित धारकों के साथ लगातार अनवरत संपर्क स्थापित कर विद्यालय में बैठक बुलाकर वार्ता करना , अभिभावक बैठकें आयोजित कर, एस एम सी की बैठकों में हित धारकों को बुलाकर बच्चों की साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के विकास हेतु चर्चा वार्ता करना।

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  17. अभिभावकों से लगातार संपर्क में रहना उनसे बच्चो के प्रगति के बारे में बात करते रहना। बीच बीच मे अभिभावकों को कक्षा में बुलाना और बताना की घर मे वह कैसे बच्चों को कुछ सिखा सकते है।

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  18. विद्यालय के नेतृत्व में अभिभावको और हितधारको की भी भागीदारी होती है इसलिए उनको जागरूक कर लगातार उनसे संपर्क में रहना तथा बैठक आयोजित कर उनसे चर्चा करना।

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  19. एक नेतृत्वकर्ता के रूप में बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ जुड़ने हेतु आवश्यक के ज्ञान कौशल और प्रवृति होनी चाहिए ।ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं सी.डी.पी.ओ., आई.सी.डी.एस. योजना के बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी के लिए संपर्क केंद्र बिंदु के रूप में भी कार्य करना चाहिए। अभिभावक और समुदाय के साथ संपर्क साधते समय विश्वास, निर्माण एवं पारस्परिक संबंधों को समझना भी जरूरी है।' बच्चे -बच्चे' और 'बच्चे -वयस्क' के बीच भय मुक्त और सार्थक बातचीत के लिए एक अनुकूल वातावरण विकसित करना चाहिए। ताकि बच्चे एक आनंदमय तरीके से सीखें, सहनिर्माण करें, खोज और प्रयोग करें। अध्यापक -अभिभावक बैठक, अभिभावक संपर्क आदि भी करें।

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  20. Hame bachho ki pragati ke liye Abhibhavak ko bhi sahyog Lena aavshyak hai....

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