कोर्स 10: गतिविधि 4: अपने विचार साझा करें

आप 3-9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की क्षमता की उपलब्धियों को कैसे सुनिश्चित करेंगे? अपने विचारों को साझा करें।

Comments

  1. बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान हेतु विद्यालय नेतृत्व

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  2. बच्चों की रुचियां के अनुसार ही हम यह सब कार्य कर सकते हैं

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  3. Bachho se mukt khel v manpasand gatividhiya karwakr

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    1. बच्चों की रुचियां के अनुसार ही हम यह सब कार्य कर सकते हैं

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  5. बच्चों की रुचि व शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति वाली गतिविधि करवाकर

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  6. बच्चों को रोचक गतिविधियों द्वारा शिक्षण एवं प्रभावी शिक्षण द्वारा ।

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  7. खेल तथा गतिविधियों द्वारा

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  8. स्वतन्त्र पठन निर्देशन के साथ,
    सीखने के लिए गतिविधियों को अधिक से अधिक शामिल करना।

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  9. We will teach them according to interest of child like with games, stories, play way more and make them learn by doing things.

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  10. स्वयं करके सीखने से बच्चें ज्यादा अच्छा सीखते हैं। इस प्रकार प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है।

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  11. We should watch and observe children activities and provide them suitable environment to play and learn.

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  12. Gatividhi adharit shikshan ke dvara sikhana

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  13. It is a challenging task to understand what will be the best way to teach kids. The requirement of every child is different. This has to be identified

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  14. Bachcho ke Ruchi anusar karya karvake

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  15. बच्चों को केन्द्र बनाकर उनके रूचियों के अनुसार ही हम कार्य कर सकते है।

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  16. Bachcho ki Ruchi anusar gatividhiyo
    Duvara kary kar sakte h

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  17. Khel dwara gatividhi krakr or bhaymukt vatavaran dekr

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  18. Khel khel m sikhne ki prakriya ko apnaakar

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  19. बच्चों की शिक्षा उनकी मातृभाषा में उपलब्ध कराकर एवं उनके रुचियों को ध्यान में रखते हुए खेलों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करके।

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  20. खेल खेल में सीखाने से बच्चों का विकास तेजी से होगा

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  21. Khel khel mai sikhne mai bachche maje lekar sikhenge

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  22. बच्चों की शिक्षा उनकी मातृभाषा में उपलब्ध कराकर एवं उनके रुचियों को ध्यान में रखते हुए खेलों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करके।बच्चो को खेल के माध्यम से सीखना और ज्यादा से ज्यादा गतिविधियों को करना बच्चो के सीखने में सहायक है।

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  23. 3 से 6 वर्ष तक बच्चों को विभिन्न खेलों,खिलौने और गतिविधियों के माध्यम से सीखने की जरूरत होती है। और फिर 6 से 9 वर्ष के बच्चों को कक्षा 1 से कक्षा तीन तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता में भाषा को प्रवाह के साथ पढ़ना शब्दों और वाक्यों को लिखना और संख्या ज्ञान हेतु बच्चों को अंक ज्ञान गिनती और गणित की मूलभूत संक्रियाएं जोड़ घटाना छोटे गुणा और भाग करने की जानकारी होनी चाहिए।

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  24. 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की क्षमता की उपलब्धियों को सुनिश्चित करने के लिए हम बच्चों की विकासात्मक आवश्यकताओं का आकलन करते हैं। विभिन्न आयउपयुक्त शिक्षा शास्त्रों को नियोजित करते हैं। सीखने के अनुरूप आकलन पद्धति से जांचते हैं। अभिभावक ,समुदाय और व्यवस्था स्तरीय कार्यकर्ता के साथ संपर्क साधते हैं ।यदि बच्चे वास्तविक जीवन से संबंधित अनुभवों के साथ अवधारणाओं को सीख लिए हों ।तराश और जोड़ रहे हों ।गुणक की अवधारणा को समझ रहे हैं। और उसका दैनिक जीवन में उपयोग कर रहे हैं। बच्चे की उपलब्धियों को सुनिश्चित करने के लिए खिलौना आधारित शिक्षण पद्धति और कहानी कहने की पद्धति का भी प्रयोग किया जा सकता है ।यदि 'रीड टू लर्न' से 'लर्न टू रीड' के तरफ बढ़ रहे हैं अर्थात बुनियादी शिक्षा को ग्रहण कर रहे हैं।

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  25. khel dvara, kahaniyon dvara, reading karke bhav bata saken

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  26. By learning by doing

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  27. बच्चों की रुचियां के अनुसार ही हम यह सब कार्य कर सकते हैं

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  28. make the child as the centre and do activities according to the taste of child.

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    1. the guardian can do with the child if the interests of the child is cared for.

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  29. स्वतन्त्र पठन निर्देशन के साथ,
    सीखने के लिए गतिविधियों को अधिक से अधिक शामिल करना।

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  30. स्वयं करके सीखने से बच्चें ज्यादा अच्छा सीखते हैं। इस प्रकार प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है।

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  31. बच्चों को उनकी मातृभाषा में उनके रुचियों को ध्यान में रखकर खेलों द्वारा स्वतंत्र रुप से गतिविधि पूर्वक शिक्षा देना ।

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  32. करके सीखने (बच्चे स्वयं करें)और समूह कार्य के द्वारा

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    1. 3 से 6 वर्ष तक बच्चों को विभिन्न खेलों,खिलौने और गतिविधियों के माध्यम से सीखने की जरूरत होती है। और फिर 6 से 9 वर्ष के बच्चों को कक्षा 1 से कक्षा तीन तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता में भाषा को प्रवाह के साथ पढ़ना शब्दों और वाक्यों को लिखना और संख्या ज्ञान हेतु बच्चों को अंक ज्ञान गिनती और गणित की मूलभूत संक्रियाएं जोड़ घटाना छोटे गुणा और भाग करने की जानकारी होनी चाहिए।

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  33. Khel adharit gatividhiyon ke dwara

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  34. Bacho ko hamesha protsahit karte rahana chahiye, abhibhavak ko monthali abhibhavak mitting mebulakrke bacha ke hr vikasatmak pahalu pr bat krte rahana chahiye .

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  35. By activity &effective teaching

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  36. हुम् इसके लिय विबभीन गतिविधियों कि योजना तैयार करेंगे।समुदाय और पलकों को fln के लक्ष्यों से अवगत कराया जाएगा।शल्क में fln के लक्ष्यों को प्राप्त कर सके इस प्रकार का वातावरण तैयार किया जाएगा।

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  37. Sarkar dwara banaye gaye karyakramo ke anusaar baccha 3-6 varsh tak poorva prathmik kaksha jaise aanganwadi evum baalwadi ke madhyam se seekhte huye apne ko kaksha 1 mein pravesh hetu shudran payega . Shikshako ko bhi bacche ki aage ki umra 6 se 9 varsh ke dauran prathmik kakshaon 1 se 3 mein sikhane hetu uchit parivesh evum sansaadhano ke alok mein sahayta milegi jisse baccha seekhne ki or unmukh hoga.

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    1. Basic education is essential part of our children and society we have to do our responsibility with honesty.

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  38. बच्चों की रुचि व शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति वाली गतिविधि करवाकर

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  39. Bachcho ko khel se hi buniyadi Shiksha upalabdh karake...usi aadhar par aklan karke

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  40. 3-9 ke bacchon ko khel khel me shikhaya jata hei

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  41. आयु वर्ग 3 से 9 वर्ष तक के बच्चों के सीखने की क्षमता की उपलब्धियां को सुनिश्चित करने के लिए बच्चों को भय मुक्त, प्रिंट रिच ,खेल युक्त ,सहयोगात्मक वातावरण प्रदान करना और हितधारकों को उनके सुविधा अनुसार गतिविधि में शामिल करके उनकी उपलब्धियां को सुनिश्चित कर सकते हैंl

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  42. तीन से नौ वर्ष का बच्चा यदि आपकी बात समझ ले रहा है आपके दिए हुए कार्य को समय पर पूर्ण कर रहा है तो तोबच्चा पूरी तरह से अपनी दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है

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  43. This comment has been removed by the author.

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  44. बच्चों को खेल एवं गतिविधियों के माध्यम से रचनात्मक शिक्षक कराना!

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  45. 309 varsh ke bacche Jin khelo AVN gatividhiyon ke madhyam se achcha sikhate Hain. Bacchon ko prarambhik aayu varshon mein sankhya Gyan AVN buniyadi saksharta Kaushal acchi prakar se a Jana chahie. Atah hamen bacchon ko unki ruchiyon ke anusar Shiksha pradan karne chahie vibhinn khelon ke madhyam se unhen sikhana chahie.

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  46. बच्चों की रुचि व शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति वाली गतिविधि करवाकर|

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  47. 3 से 6 वर्ष तक बच्चों को विभिन्न खेलों,खिलौने और गतिविधियों के माध्यम से सीखने की जरूरत होती है। और फिर 6 से 9 वर्ष के बच्चों को कक्षा 1 से कक्षा तीन तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता में भाषा को प्रवाह के साथ पढ़ना शब्दों और वाक्यों को लिखना और संख्या ज्ञान हेतु बच्चों को अंक ज्ञान गिनती और गणित की मूलभूत संक्रियाएं जोड़ घटाना छोटे गुणा और भाग करने की जानकारी होनी चाहिए।

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  48. स्वयं करके सीखने से बच्चें ज्यादा अच्छा सीखते हैं। इस प्रकार प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है।

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  49. बच्चों की रुचि और गतिविधियों के द्वारा हम यह कार्य कर सकते हैं।

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  50. by promoting activities,play,mind body coordination game along with supportive environment to enhance commucation.





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  51. By using playground as a mode of teaching psychomotor activities. It can also enhance cognitive skills of the child.

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  52. :11
    3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की क्षमता की उपलब्धियों को सुनिश्चित करने के लिए हम बच्चों की विकासात्मक आवश्यकताओं का आकलन करते हैं। विभिन्न आयउपयुक्त शिक्षा शास्त्रों को नियोजित करते हैं। सीखने के अनुरूप आकलन पद्धति से जांचते हैं। अभिभावक ,समुदाय और व्यवस्था स्तरीय कार्यकर्ता के साथ संपर्क साधते हैं ।यदि बच्चे वास्तविक जीवन से संबंधित अनुभवों के साथ अवधारणाओं को सीख लिए हों ।तराश और जोड़ रहे हों ।गुणक की अवधारणा को समझ रहे हैं। और उसका दैनिक जीवन में उपयोग कर रहे हैं। बच्चे की उपलब्धियों को सुनिश्चित करने के लिए खिलौना आधारित शिक्षण पद्धति और कहानी कहने की पद्धति का भी प्रयोग किया जा सकता है ।यदि 'रीड टू लर्न' से 'लर्न टू रीड' के तरफ बढ़ रहे हैं अर्थात बुनियादी शिक्षा को ग्रहण कर रहे हैं।

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  53. बच्चों की मातृभाषा में और खेल खेल में गतिविधियों द्वारा

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  54. We will teach them according to interest of child like with games, stories, play way more and make them learn by doing things

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